जब निकले हों हम तय करने,
किसी सड़क पर लम्बी दूरी,
चाहे थकन निरंतर टोके,
पर चलना हो बहुत ज़रूरी;
ऐसे में यदि उसी सड़क पर,
लग जाए कोई ट्रैफिक जाम,
आगे पीछे दाएं बाएं,
जब हो जाएं बंद मुकाम;
तब गाड़ी में बैठे बैठे,
मज़बूरी कुछ यूँ घुलती है,
कितनी भी हो दौलत पास,
कोई राह नहीं खुलती है;
कोस कोस कर इस स्थिति को,
तब हम हैं थोड़ा पछताते,
बिना किसी आशा के फिर भी,
इधर उधर हैं फ़ोन घुमाते;
ढेरों प्रश्न हैं खुद से करते,
ऐसा कर दें ! क्या विचार है,
जब कि हम हैं स्वयं जानते,
उत्तर केवल इंतज़ार है;
तब समझौता कर लेते हैं,
जब कुछ समय बीत जाता है,
जो होगा देखा जाएगा,
मन फिर कुछ धीरज पाता है;
पर हमने क्या सोचा ऐसा,
जैसे दिल की कोई धड़क है,
दिखती नहीं किसी को लेकिन,
यह जीवन भी एक सड़क है;
कभी कभी इस जीवन में भी,
लग जाता है ट्रैफिक जाम,
आगे पीछे दाएं बाएं,
नहीं सूझता कोई मुकाम;
ढेरों प्रश्न हैं खुद से करते,
ऐसा कर दें ! क्या विचार है,
जब कि हम हैं स्वयं जानते,
उत्तर केवल इंतज़ार है;